छत्तीसगढ़ में सत्ताब परिवर्तन के बाद अब भाजपा सरकार चुनाव के समय किए गए वादों को पूरा करने में लगी हुई है। इसी बीच खबर मिल रही है कि छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को सालाना 12 हजार देने के लिए क्राइटेरिया तैयार किया जा रहा है। प्रदेश की 80 लाख महिलाएं इस योजना के तहत विचाराधीन हैं। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं ऐसे वर्ग से आती हैं जो सम्पन्न हैं। सरकारी नौकरी और व्यापारी वर्ग की महिलाएं भी इस दायरे से बाहर हो जाएंगी। अनुमान है कि ये भी 10 से 15 प्रतिशत हो सकती हैं।
वहीं कहा जा रहा है कि एक परिवार या एक राशन कार्ड से एक महिला या उससे अधिक को लिया जा सकता है। इसके लिए मुखयमंत्री साय ने मुख सचिव को मोदी की गारंटी के तहत वादों की सूची सौंपी है। जिसमे महतारी वंदन योजना को पहले लेने की बात कही गई है। इससे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के पहले महतारी वंदन योजना लागु हो जाएगा।
इस पर विचार विमर्श किया जा रहा है ताकी गरीब, अति गरीब और लोअर मिडिल वर्ग की महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सकते।
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के हितग्राहियों के लिये संचालित ‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’में पूर्व में जारी अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए अब इस योजना का नाम ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’ कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘भगिनी प्रसूति सहायता योजना’को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य राज्य के असंगठित क्षेत्रों के कमज़ोर आय वर्ग की श्रमिक महिलाओं को प्रसूति के लिये आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करना है।
- इसके लिये गर्भधारण के बाद से प्रसूति तक महिलाओं को उचित व भरपूर आहार हेतु सहायता राशि प्रदान की जाती है, इससे महिलाओं व बच्चे के शरीर को गर्भावस्था में आहार व पोषण की कमी और आर्थिक समस्या नहीं होती।
- योजना के तहत 10000/- रुपए प्रसूति लाभ दिया जाता है, जिसमें सें 5000/- रुपए गर्भधारण के प्रथम तिमाही में एवं शेष 5000/- रुपए तृतीय तिमाही (आठवें माह) में दिये जाते हैं। सहायता राशि का भुगतान सूचनाप्राप्ति के 72 घंटे के भीतर कर दिया जाता है।
- योजना में शामिल होने के लिये पात्रता-
- हितग्राही के पति या पत्नी का पंजीयन आवश्यक।
- महिला श्रमिक के गर्भधारण का अधिकृत सत्यापन डॉक्टर, एएनएम अथवा मितानीन के द्वारा होना अनिवार्य।
- सार्वजनिक एवं शासकीय संस्थानों में कार्य कर रहे निर्माण श्रमिक की पत्नी को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- प्रसूति योजना का लाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा।
- लाभ की पात्रता पंजीयन के 90 दिवस के उपरांत।